वर्मीकॉम्पोस्ट (Worm Farming), या “केंचुआ खाद” जैसा कि इसे जाना जाता है, एक प्राकृतिक उर्वरक है क्योंकि इसे प्राकृतिक तरीके से ही तैयार किया जाता है जैसे कि आप जानते हैं कि यह खाद केंचुए द्वारा जमीन में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के तत्वों को खाकर तैयार किया जाता है |

जमीन पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के तत्व होते हैं जो कि पौधों के लिए काफी लाभकारी होते हैं और यह तत्व केंचुए के शरीर में जाकर और भी ज्यादा लाभकारी हो जाते हैं |

पौधों और खेतों के लिए वर्मीकॉम्पोस्ट का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है, और सुनिश्चित होता है कि फसलें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार पूर्ण पोषण प्राप्त करती हैं।

केंचुए के शरीर में एक जैविक प्रक्रिया होती है इन तत्वों के साथ और इस प्रक्रिया में पौधों के लिए उचित मात्रा में खनिज लवण की पूर्ति हो जाती है | अगर हम इस केंचुए की खाद को पौधों के लिए, खेतों के लिए उपयोग करते हैं तो इससे जमीन की उर्वरकता बढ़ती है

इस प्राकृतिक उर्वरक के पीछे का जादू वहाँ है जिसमें केंचुए के शरीर में एक जैविक प्रक्रिया होती है केंचुए के द्वारा खाए हुए इन तत्वों के साथ और इस प्रक्रिया में पौधों के लिए उचित मात्रा में खनिज लवण की पूर्ति हो जाती है | अगर हम इस केंचुए की खाद को पौधों के लिए, खेतों के लिए उपयोग करते हैं तो इससे जमीन की उर्वरकता बढ़ती है खनिज लवणों की सही मात्रा भेजने से पौधों का संपूर्ण विकास होता है।

अच्छी तरह तैयार हुए केंचुए की खाद में पोषक तत्व:-

नाइट्रोजन 

फास्फोरस 

पोटैशियम

यह सभी पोषक तत्व इस खाद को विशेष बनाते हैं क्योंकि यह केमिकल मुक्त होता है | मिट्टी की उर्वरकता को कोई भी नुकसान नहीं होता। प्राकृतिक शक्ति का उपयोग करके, यह जैविक रसायन एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करता है जहाँ पौधे समाहित होते हैं बिना किसी समस्या के।

इस तरीके से, आप बड़े ही आसानी से अपनी खेती को वर्मीकॉम्पोस्ट के साथ सजीव और स्वस्थ बना सकते हैं, जिससे आपकी पौधों को अधिक पोषण मिलेगा और वे खूबसूरती से खिलेंगे।

केंचुआ खाद बनाने के लिए क्षेत्र का आकार आवश्यकता अनुसार रखना चाहिए | जैसे की: –

पहला उदाहरण

लाइन के अनुसार

कुल क्षेत्रफल = उपलब्धता के अनुसार

लंबाई = क्षेत्रफल के अनुसार

चौड़ाई = 1 मीटर लगभग

ऊंचाई = 30 से 50 सेंटीमीटर

इस विधि में आप बेड भी बना सकते हैं | इसमें अपने प्रत्येक लाइन के चारों तरफ ईंटों से दीवार बनानी होती है | 

दूसरा उदाहरण

क्यारियां के अनुसार

कुल क्षेत्रफल = 100 वर्ग मीटर

लंबाई = 3 मी

चौड़ाई = 1 मी

ऊंचाई = 30 से 50 सेंटीमीटर

कुल क्यारियां = 90

केंचुए को जमीन में जाने से रोकने के लिएआप प्लास्टिक का उपयोग कर सकते हैं या फिर आप पक्की  का भी उपयोग कर सकते हैं |

सबसे पहले केंचुआ के लिए खाना उपलब्ध करना

केंचुए प्लास्टिक, धातु व कांच की चीजों को छोड़कर लगभग सभी चीजों को खाकर हजम कर जाते हैं | लेकिन केंचुआ को कुछ भी खिलाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर करें |

खाद बनाने में में उपयोग होने वाली चीज जैसे की पत्तियों का कूड़ा पौधों के तने, गाने की बोसी, रसोई का अवशिष्ट, फसलों का अवशिष्ट व गोबर | 

कचरे में से पत्थर कांच प्लास्टिक और धातु जैसी चीजों को निकाल कर अलग कर ले

खाद बनाने की विधि

सबसे पहले 1 इंच मोटी परत रेत की ले उसके ऊपर तीन से चार इंच मोटाई में फसल का अवशिष्ट या फिर मोटे पदार्थ की परत से ढक दे | इसके ऊपर 18 इंच मोटी पर इस प्रकार बिछाते हैं कि उनकी चौड़ाई 40 से 45 इंच बन जाती है | 10 फीट लंबाई की बेड में लगभग 500 किलोग्राम कार्बनिक अवशिष्ट समाहित हो जाता है | बेड बनने के बाद उचित नमी बनाए रखने के लिए पानी का छिड़काव करते रहिए और इसके बाद दो से तीन दिनों के लिए छोड़ दे |

मान लीजिए आपका अपशिष्ट 500 किलोग्राम है तो इसके लिए कम से कम 5000 केंचुए की जरूरत रहेगी |

इसके बाद कटे हुए अपशिष्ट से बेड को दोबारा तीन से चार इंच मोटी परत से ढक दे |

अनुमान यह है कि 75 दिन से लेकर 80 दिन के बीच में जो है आपकी खाद प्रॉपर तैयार हो जाएगी और इसके बाद में आपने उसे खाद को 4 एमएम की एक जाल लेनी है और उसे छान लेना है इससे आपको फायदा यह होगा की केंचुआ ऊपर रह जाएंगे | खाद को आप खेत में इस्तेमाल कर लीजिए और जो केंचुए बच गए, उनको दोबारा खाद बनाने के लिए लगा दे |

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